ऋण लेने के लिए मित्र को पत्र ।
रविकुंज,
ग्रेटर कैलाश,
नई दिल्ली ।
दिनांक 28 मई, ..
प्रिय बंधु
सप्रेम नमस्ते ।
अत्र कुशलं तत्रास्तु।
बहुत दिनों से न तो तुम्हारा इधर आना ही हुआ और न कोई कुशल पत्र ही मिला। अजीब इंसान हो, इतनी उदासीनता दिखाना ठीक नहीं।
मैं इस पत्र द्वारा एक विशेष प्रयोजन के लिए कष्ट दे रहा हूँ। कई मास से तुम्हारी भाभी अस्वस्थ सी चल रही हैं। चिकित्सक महोदय का विचार है कि इन्हें कुछ दिन जलवायु परिवर्तन के लिए किसी पर्वतीय प्रदेश में ले जाना चाहिए। इस समय मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी है नहीं। जो कुछ थोड़ा बहुत था, वह इनकी दवा-दारू में लग गया। यदि तुम इस समर पाँच हजार रुपये का प्रबंध कर सको, तो मैं इन्हें कुछ दिन के लिए मसूरी या नैनीताल भेज दूं। यह राशि वर्ष के अंत तक अवश्य लौटा दूँगा। इसका विश्वास रखिए। लौटती डाक से पत्र का उत्तर भेजिएगा।
तुम्हारा स्नेहभाजन,
सत्यवीर