रंगों का त्योहार-होली Rango ka Tyohar-Holi जब हम मौज-मस्ती और रंगों के त्योहार की बात करते हैं तो हमें तुरंत होली का ध्यान आता है। होली के साथ जो मस्ती, उमंग और स्वच्छंदता जुड़ी हुई है, वह किसी अन्य त्योहार के...
दहेज प्रथाः एक सामाजिक अभिशाप Dahej Pratha – Ek Samajik Abhishap भारतीय समाज एक सर्वगुण संपन्न समाज है। यहाँ के रीति-रिवाज प्रायः अन्य देशों से भिन्न हैं। परंतु इन रीतियों में कुछ कुरीतियाँ भी हैं, जो न सिर्फ हमारे लिए वरन्...
भारत में इंटरनेट जनसंचार Bharat mein Internet Jansanchar इंटरनेट जनसंचार का सबसे तेज़ी से लोकप्रिय होता माध्यम है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, किताब, सिनेमा, यहाँ तक कि पुस्तकालय के सारे गुण विद्यमान हैं। इसकी पहुँच...
भारत की आतंकवाद समस्या Bharat ki Atanwad Samasya आज विश्व अनेक प्रकार की विषम समस्याओं से घिरा है। पिछले कुछ दशकों से जिस समस्या ने विश्व को सर्वाधिक भयभीत किया है, वह है आतंकवाद। आज विश्व के प्रमुख देश- अमेरिका, ब्रिटेन,...
विज्ञापनों से घिरा हमारा जीवन Vigyapano se Ghira Hamara Jeevan आज का युग विज्ञापनों का युग है। जिस ओर दृष्टि, डालो, विज्ञापन ही विज्ञापन नज़र आते हैं। चाहे दूरदर्शन के कार्यक्रम हों अथवा सड़कों के चौराहें हों, चारों ओर विज्ञापनों की...
समय का सदुपयोग Samay ka Sadupyog काल करे सो आज कर आज करे सो अव। पल में परले होयगी बहुरि करोगी कब।। कबीर की उपर्युक्त पंक्तियों में समय के महत्व की चर्चा की गई है। इस संसार में प्राय: सभी चीजों...
मनुष्य और विज्ञान Manushya aur Vigyaan ‘विज्ञान’ का अर्थ है- विशेष ज्ञान। प्रकृति ने मनुष्य को बुधि प्रदान कर उसे पशुओं से भिन्न बनाया है। वह बुद्धि का प्रयोग कर नित्य नए नए आविष्कार कर रहा है। यही कारण है कि...
बेरोजगारी Berojgari आजकल श्रमिक हो या अनवरत बौद्धिक श्रम करने वाला विद्वान, सभी बेरोजगारी के शिकार बने हए हैं। निरक्षर तो किसी तरह अपना पेट भर लेते हैं किंतु पढ़े-लिखों की स्थिति बहुत खराब है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगा...
श्रीमती प्रतिभा पाटिल Shrimati Pratibha Patil भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। संविधान की दृष्टि में यहाँ अमीर-गरीब; छोटे-बड़े, स्त्री-पुरुष सभी को अधिकार प्राप्त है। यहाँ पुरुषों के समान स्त्रियों को भी अपना कार्य क्षेत्र चुनने का, अपनी इच्छा से...
भारत की वन-संपदा Bharat ki Van-Sampada वन प्रकृति की अमूल्य निधि है। वन मानव एवं वन्य जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। वन नहीं रहेंगे तो हम भी नहीं रहेंगे। विश्व की सभी सभ्यताओं एवं संस्कृतियों ने वन के महत्त्व को...