Tag: Children Story
हरिनाम – निष्ठा Harinaam-Nishtha भक्त हरिदास थे तो मुसलमान, मगर हरि के परम भक्त थे। उनकी हिंदू देवता के प्रति भक्ति देख गौराई काजी को ईर्ष्या हुई और उसने …
अहंकार का परिणाम Ahankar ka Parinam हाजी मुहम्मद नामक एक मुसलमान संत हुए हैं। उन्होंने साठ बार हज यात्रा की थी और वे प्रतिदिन नियमित रूप से पाँच वक्त …
निःस्पृहता Nisparhata भक्त रैदास जाति से चमार थे, किन्तु साधु-संतों की बड़ी सेवा करते थे। एक बार एक साधु उनके पास आया। रैदास ने उसे भोजन कराया और अपने …
बिना तेल की बाती Bina tel ki bati साईंबाबा शिरडी में एक मस्जिद में रहने लगे थे। उसका नाम उन्होंने ‘द्वारिकामाई’ रखा और वे वहीं आत्म-साधना एवं भगवद्भजन में …
आचरण का प्रभाव Aacharan ka Prabhav एक बार एक स्त्री महाराष्ट्र के महान् संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास अपने छोटे पुत्र को लेकर आई और उसने कहा, “महाराज, इसे …
भगवत्प्राप्ति का मार्ग Bhagwatprapti ka Marg एक बार ईसामसीह समुद्रतट पर घूम रहे थे कि एक भक्त उनके पास आया और उनसे पूछा, “प्रभो भगवत्प्राप्ति कैसे हो सकती है?” …
चक्रवर्ती कौन? Chakravarti Kaun? पुष्य नामक एक प्रसिद्ध सामुद्रिक था। उसने मार्ग के चरणचिह्न देखकर कहा, “ये चरणचिह्न जिस व्यक्ति के हैं, वह कोई साधारण मनुष्य नहीं है, वह …
क्षणिक लोभ Kshanik Lobh एक बार एक स्त्री ने गुरु नानक से प्रार्थना की, “महाराज, आप हमारे घर पधारकर हमें कृतार्थ करें।” जब नानकदेव उसके घर गए, तो वह …
उचित दंड Uchit Dand एक बड़े उत्सव का आयोजन हुआ। उसमें नृत्य के लिए राजगृह में एक कुशल नर्तकी को, जो एक ग्वाले की पत्नी थी, आमंत्रित किया गया। …
सुखस्य मूलं धर्मः Sukhsay mool dharma फारस के बादशाह नौशेरवाँ-ए-आदिल अपनी न्यायप्रियता एवं दयालुता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके पिता कोबाद अपना पारसी धर्म त्यागकर मजदक नामक एक पाखंडी …