Premi ke Pichle patra ka jawab dete hue Premika ka patra “प्रेमी के पिछले पत्र का जवाब देते हुए प्रेमिका का पत्र” Sample Hindi Letter Writing Example.

प्रेमी के पिछले पत्र का जवाब देते हुए प्रेमिका का पत्र

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दिल्ली,

दिनांक 24 जून,….

प्रिय अतुल,

स्प्रेम ।

अचानक तुम्हारा स्नेहसिक्त पत्र पाकर मैं आश्चर्यचकित-सी रह गई । तुम मेरे प्रति इतने आसक्त हो गए हो, इसकी स्वप्न में भी आशा न थी। मेरे जीवन का लक्ष्य बहुत ऊँचा है, उसमें अभी इस प्रणय बंधन का कोई स्थान नहीं और न ही इसका निर्णय मेरे अधिकार में है । पूज्य माता जी ने असंख्य आपदाओं का सामना करके मुझे इस योग्य बनाया है कि मैं पढ़ लिखकर उनके तथा देश के लिए कुछ कर सकूँ।

प्रिये ! मेरी बातों से निराश न होना । मेरी दृष्टि में विवाह एक घिनौनी वस्तु है। इसके करने में समय नष्ट होता है और बाद में भी। मैं इसे नारी जीवन का साधना मार्ग नहीं मानती । इसलिए इस विचार को अपने हृदय से निकाल दो । इसका यह तात्पर्य नहीं है कि मेरी तुम्हारे प्रति निष्ठा समाप्त हो गई है या में तुम्हारे सत्कार्यों में साथ देने के लिए तैयार नहीं हूँ।

अतुल । तुमने मेरा संसर्ग पाकर जनहित में लगने की सोची है। उसमें मैं तुमसे पीछे नहीं हूँ। मैं स्वच्छंद प्राणी हूँ। माता जी ने मुझे इस मायावी दुनिया में रहना सिखा दिया है । मैं तुम्हारे द्वारा किए गए हर कार्य में साथ दूंगी । इस बात का निश्चय समझो ।

और हाँ, एक बात तो मैं भूल ही रही थी । तुम अर्चना के योग्य भी हो और अर्चना तुम्हें हृदय से चाहती है । फिर तुम दोनों के परिवार भी संपन्न हैं। उस प्रणय बंधन में किसी प्रकार का कोई विघ्न नहीं पडेगा. इसका मैं विश्वास दिलाती हूँ । स्वीकृति दो तो यह पुण्य कार्य मैं स्वयं ही अपने हाथों से करा दूं।

मेरी माता जी तुमसे मिलने के लिए आतुर हैं। कभी समय निकाल सको तो संध्या का भोजन मेरी कुटिया पर ही कर लेना । पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।

स्नेह के साथ, तुम्हारी,

रजनीगंधा

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