Hindi Letter on “Hostel me reh rahe chote bhai ko acche mitra ke gun batate hue patra”, “हास्टल में रह रहे छोटे भाई को अच्छे मित्र के गुण बताते हुए पत्र”
आवासीय विद्यालय में इसी सत्र में प्रविष्ट छोटे भाई को अच्छे मित्र के गुण बताते हुए पत्र लिखिए कि वह मित्रों के चुनाव में बहुत सावधानी बरते।+
5/22, नई बस्ती,
सहारनपुर (उ.प्र.)
दिनांक…….
प्रिय अनुज,
शुभाशीर्वाद।
तुम्हारा पत्र मिला। पत्र से पता चलता है कि इन दिनों तुम मित्र बनाने के प्रयास में लगे हो। यह सही है कि आवासीय विद्यालय में मित्रों का होना नितांत आवश्यक है, पर मित्र बनाने में काफी समझदारी की आवश्यकता होती है। मैं तुम्हें अच्छे मित्र के गुण बता रहा हूँ।
सच्चा मित्र एक औषधि के सम्मान होता है। तुलसीदास ने सच्चे मित्र की पहचान बताई है-
‘कृपथ निवारि सुपंथ चलावा। गुन प्रगटहिं अवगुनहि दुरावा।‘
सच्चे मित्र की परीक्षा विपत्ति की घड़ी में होती है। विपत्ति ही मित्रता की कसौटी है। कहा गया है-
‘धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपतकाल परखिए चारी। ‘
कई बार कई व्यक्ति स्वार्थवश मित्र बन जाते हैं। इस प्रकार के कमित्र से बचकर रहना चाहिए। सच्चा मित्र तम्हारा हितेषी होता है। तथा वह सदा तुम्हारा भला चाहता है।
आशा है कि तुम मित्रों के चुनाव में सावधानी बरतोगे।
तुम्हारा शुभचिंतक
राकेश सिंह