Home » Children Story » Hindi Moral Story “Sajjanta Kiski Adhik”, “सज्जनता किसकी अधिक” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

Hindi Moral Story “Sajjanta Kiski Adhik”, “सज्जनता किसकी अधिक” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

सज्जनता किसकी अधिक

मिथलावती नाम की एक नगरी थी। उसमें गुणधिप नाम का राजा राज करता था। वह बड़ा ही प्रतापी और यशस्वी था उसे शिकार खेलने का बड़ा शौक था।

एक दिन राजा शिकार खेलने चला। सैनिक भी साथ हो लिये। चलते-चलते राजा एक घने वन में पहुँचा। कुछ ही देर बाद राजा को एक मृग दिखाई दिया। वह उसके पीछे चल पड़ा। हिरण का पीछा करते-करते राजा के सैनिक उससे बिछड़ गये। राजा जंगल के बीचोंबीच पहुंच गया लेकिन हिरण पकड़ में नही आया। राजा ने पीछे मुड़ कर देखा दूर-दूर तक कोई नहीं था। उसके नौकर-चाकर, सैनिक, मंत्री सब बिछुड़ गये थे।

“देखो, भाग्य का खेल देखों।”

राजा उस डरावने जंगल में भी निडर था लेकिन उसे एक बात बड़ी बेचैन कर रही थीं वह थी भूख। भूख-प्यास के कारण राजा का बुरा हाल था तभी एक लकड़हारे ने राजा को टोका।

राजा ने जब उस सुनसान जंगल में मनुष्य की आवाज सुनी तो बहुत प्रसन्न हुआ। राजा के पूछने पर लकड़हारे ने बताया, वह इस वन में लकड़ी काटने आता है। उसने राजा को भूखा देख अपना भोजन राजा को दिया। राजा अपनी त्रास मिटाने लगा और दोनों में बातचीत शुरू हुई।

राजन्, सज्जनता हर मनुष्य को एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रेरित करती हैं और छ: बातें आदमी को हल्का करती हैं—खोटे नर की प्रीति, बिना कारण हँसी, स्त्री से विवाद, असज्जन स्वामी की सेवा, गधे की सवारी और बिना संस्कृत की भाषा। और हे राजा, ये पाँच चीज़ें आदमी के पैदा होते ही विधाता उसके भाग्य में लिख देता है—आयु, कर्म, धन, विद्या और यश। राजन्, जब तक आदमी का पुण्य उदय रहता है, तब तक उसके बहुत-से दास रहते हैं। जब पुण्य घट जाता है तो भाई भी बैरी हो जाते हैं। पर एक बात है, स्वामी की सेवा अकारथ नहीं जाती। कभी-न-कभी फल मिल ही जाता है।”

यह सुन राजा के मन पर उसका बड़ा असर हुआ। जंगल से निकलने के बाद उस लकड़हारे को अपने साथ ले राजा नगर में लौट आये। राजा ने उसे अपने यहाँ सिपहसालार बना लिया। उसे बढ़िया-बढ़िया कपड़े और गहने दिये।

एक दिन वो सिपहसालार किसी काम से कहीं गया। रास्ते में उसे देवी का मन्दिर मिला। उसने अन्दर जाकर देवी की पूजा की। जब वह बाहर निकला तो देखता क्या है, उसके पीछे एक सुन्दर स्त्री चली आ रही है। वह उसे देखते ही उसकी ओर आकर्षित हो गया।

स्त्री ने कहा-“पहले तुम कुण्ड में स्नान कर आओ। फिर जो कहोगे, सो करूँगी।”

इतना सुनकर सिपहसालार कपड़े उतारकर जैसे ही कुण्ड में घुसा और गोता लगाया कि अपने नगर में पहुँच गया। उसने जाकर राजा को सारा हाल कह-सुनाया।

राजा ने कहा-“यह अचरज मुझे भी दिखाओ।”

दोनों घोड़ों पर सवार होकर देवी के मन्दिर पर आये। अन्दर जाकर दर्शन किये और जैसे ही बाहर निकले कि वह स्त्री प्रकट हो गयी।

राजा को देखते ही देवी बोली-“महाराज, मैं आपके रूप पर मुग्ध हूँ। आप जो कहेंगे, वही करुँगी।” राजा भी उस रूपवती पर मुग्ध हो गये थे।

राजा ने संभलकर कहा-“ऐसी बात है तो तू मेरे इस सेवक से विवाह कर ले।”

स्त्री बोली- “यह नहीं होगा। मैं तो तुम्हें चाहती हूँ।”

राजा ने कहा-“सज्जन लोग जो कहते हैं, उसे निभाते हैं। तुम अपने वचन का पालन करो।” इसके बाद राजा ने उसका विवाह अपने सेवक से करा दिया।

इतना कहकर बेताल बोला- “हे राजन् विक्रम! यह बताओ कि राजा और सेवक, दोनों में से किसका काम बड़ा हुआ? किसकी सज्जनता अधिक थी?”

राजा विक्रम ने कहा-“नौकर का।”

बेताल ने पूछा-“वौ कैसे?”

राजा विक्रम बोले-“उपकार करना राजा का तो धर्म ही था। इसलिए उसके उपकार करने में कोई खास बात नहीं हुई। लेकिन जिसका धर्म नहीं था, उसने उपकार किया तो उसका काम बढ़कर हुआ? इसलिये लकड़हारा कि ही सज्जनता ज्यादा है”

इतना सुनकर बेताल फिर पेड़ पर जा लटका और राजा जब उसे पुन: लेकर चला तो उसने राजा को राह में फिर एक कहानी सुनायी।

Related posts:

Akbar-Birbal Hindi Moral Story "Darbariyon ke 3 Sawal", "दरबारियों के 3 सवाल" for Kids, Educational ...
Children Story
Short Story " Angry Snake" for Children, moral story for kids in English for competition with moral ...
Children Story
English Short, Moral Story “Beautiful Flowers on Other Side” for Kids and Children for Class 5, 6, 7...
Moral Story
Short Story "The Donkey and The Horse" for Children, moral story for kids in English for competition...
Children Story
Short Story " Unhelpful Friends" for Children, moral story for kids in English for competition with ...
Children Story
Hindi Moral Story "Samdarshita" "समदर्शिता" Best Motivational Story of "Sant Laleshawari".
Kids Story
Hindi Moral Story "Apne Apne Karam”, "अपने अपने करम” for Kids, Full length Educational Story for Stu...
हिंदी कहानियां
English Short, Moral Story “Writing a Book" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, compe...
Moral Story
English Moral Story "Your own karma" for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5...
Children Story
Hindi Moral Story "Sadvyavhar”, "सद्व्यवहार” for Kids, Full length Educational Story for Students of...
Children Story
English Short, Moral Story “The Merchant and The Foolish Barber" for Kids and Children for Class 5, ...
Moral Story
English Short, Moral Story “Overcoming Desires" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, c...
Children Story
Short Story "Hard Work Always Pays" for Children, moral story for kids in English for competition wi...
Children Story
English Short, Moral Story “Where there is a will there is a Way" for Kids and Children for Class 5,...
Moral Story
English Short, Moral Story “Life worth Living" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, co...
Moral Story
Akbar-Birbal English Moral Story "Akbar's Dream" for Kids, Educational Story for Students of class 5...
Moral Story
English Short, Moral Story “Keep a Positive Attitude" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9,...
Children Story
Short Story " Tiger Story" for Children, moral story for kids in English for competition with moral ...
Children Story
English Short, Moral Story “The Spider and His Two Friends" for Kids and Children for Class 5, 6, 7,...
Short Story
Short Story " Change Yourself and not The World" for Children, moral story for kids in English for c...
Children Story

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.