Hindi Moral Story “Koyal”, “कोयल” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
कोयल
Koyal
गरमियों की एक सुबह घनिष्ठ मित्र तोताराम और कल्लू एक जंगल में गए। सहसा उन्हें कोयल की कुहुक सुनाई पड़ी। यह एक पक्षी की आवाज है जो किसी मंगल की सूचना देती है। अंधविश्वासी तोताराम ने कहा, मैंने इसकी आवाज सुबहसुबह सुनी है। मुझे विश्वास है कि आज का दिन बड़ा भाग्यशाली होगा। अवश्य ही मुझे रुपयों से भरा थैला मिलेगा। नहीं कल्लू ने तोताराम की बात का प्रतिवाद किया, जो उससे भी अधिक वहमी था, तुम मुझसे अधिक भाग्यशाली नहीं हो। मुझे विश्वास है, यह आवाज मेरे लिए अधिक भाग्यशाली साबित होगी। तुम देखना, जरूर मुझे अच्छीखासी रकम प्राप्त होगी।’ खूबसूरत मौसम का मजा लेने के बजाय वे दोनों इसी बात पर लड़ने लगे। तूतू, मैंमैं के बाद हाथापाई पर उतारू हो गए। कुछ ही समय में वे बुरी तरह जख्मी हो गए। दोनों डॉक्टर के पास पहुँचे। डॉक्टर ने उनसे पूछा कि वे आखिर इस स्थिति में पहुँचे कैसे ? सारी घटना बयान करने के बाद उन दोनों ने डॉक्टर से पूछा, आप बताएँ कि कोयल ने किसके भाग्यशाली होने की सूचना दी थी ? डॉक्टर ने हँसते हुए कहा, कोयल ने मेरे भाग्यशाली होने की सूचना दी थी। अगर तुम दोनों इसी तरह लड़झगड़कर हाथपैर तोड़ते रहे तो मुझे रुपयों का ढेर तुम्हारे इलाज के एवज में मिलता रहेगा। बेकार के झगड़े से दूसरों को फायदा होता है।