चतुर बंदर
Chatur Bandar
नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पर एक बंदर रहता था। एक दिन वह नदी के किनारे खेल रहा था। अचानक एक मगर ने उसे पकड़ लिया। वह उसे खींचकर पानी में ले गया। बंदर ने उससे पूछा, “तुम क्या चाहते हो ?” मगर ने कहा, “मैं तुम्हारा कलेजा खाना चाहता
बंदर चालाक था। उसने कहा, “अरे भाई, पहले बताना था न, मैं अपना कलेजा तो किनारे के पेड़ पर ही रख आया हूँ। अगर तुम मुझे उस पेड़ के पास ले जाओ तो मैं अपना कलेजा ले आऊँ।”
मूर्ख मगर बंदर को किनारे तक ले आया।
बंदर उछलकर पेड़ पर चढ़ गया। फिर वह वापस नहीं आया। इस तरह चतुर बंदर ने अपनी जान बचाई। सच है, मुसीबत में चतुराई से काम लेना चाहिए।