Hindi Essay, Nibandh on “Vigyan Ke Badhte Charan”, “विज्ञान के बढ़ते चरण” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.
विज्ञान के बढ़ते चरण
Vigyan Ke Badhte Charan
आज का युग विज्ञान का युग कहा जाता है। आदि काल में जो मानव कभी पशु जैसा जीवन जीता था, वही विज्ञान की उपलब्धियों के बल पर आज जल, थल और आकाश का स्वामी बन बैठा है। वर्तमान युग की प्रगति का श्रेय विज्ञान को ही है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान की उपलब्धियाँ चौंका देने वाली हैं। चिकित्सा के क्षेत्रों में जो रोग पहले असाध्य समुझे जाते थे, आज उनका इलाज हो सकता है। मानव ने अनेक घातक महामारियों पर नियंत्रण पा लिया है। कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों के सहारे नई-नई फ़सलें उगाई जा रही हैं। अत्याधुनिक वाहनों के सहारे दिनों का सफ़र कुछ घंटों में तय किया जा सकता है। दूरसंचार के माध्यमों ने तो पूरी पृथ्वी को एक कुटुंब बना दिया है। विज्ञान ने समय और श्रम बचाकर मानव जीवन को अधिक सुखमय बना दिया है। कंप्यूटर के आविष्कार से अनेक जटिल गणनाएँ कुछ ही क्षणों में संभव हैं। दूरदर्शन ने मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांति उपस्थित कर दी है। यह तो थी विज्ञान के वरदानों की कहानी। विज्ञान के कुछ अभिशाप भी हैं। इसके विनाशकारी अस्त्र-शस्त्रों से समूची मानव सभ्यता के भी नष्ट होने का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। जापान में गिराए गए दो अणु बम तो इसकी एक झलक मात्र थे। अनेक उन्नत राष्ट्रों के पास इतने घातक हथियार हैं कि कुछ ही क्षणों में मानव-सभ्यता धराशायी हो सकती है। विज्ञान के कारण बेरोज़गारी तथा पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ा है। आज का मानव विज्ञान के कारण ही धर्म विमुख होकर एक मशीन की तरह हृदयहीन हो गया है। कुछ भी हो विज्ञान एक वरदान अधिक है और अभिशाप कम, क्योंकि यदि वैज्ञानिक विज्ञान की शक्तियों का प्रयोग मानव कल्याण के लिए करें, तो इससे यह धरती स्वर्ग का नंदन वन बन सकती है।