Hindi Essay, Nibandh on “Antriksh Yatra”, “अंतरिक्ष यात्रा” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.
अंतरिक्ष यात्रा
Antriksh Yatra
एक दिन हमारे अध्यापक अंतरिक्ष यात्रा के बारे में पढ़ा रहे थे। वे अंतरिक्ष का इतना मनोरम वर्णन कर रहे थे कि मैं कल्पना लोक में विचरण करने लगा तथा इस कल्पना में अंतरिक्ष यात्रा करने लगा। मैं अंतरिक्ष यात्रा के लिए बने विशेष सूट (स्पेस सूट) पहनकर अंतरिक्ष यान में चढ़ गया। यान अंदर से अत्याधुनिक सुविधाओं से सज्जित था तथा उसमें तीन लोग और थे। यान अत्यंत तीव्र गति से उड़ने लगा और कुछ समय बाद मैं अंतरिक्ष में पहुँच गया। वहाँ से धरती एक गेंद के समान दिखाई दे रही थी, मानो जिस पर सुंदर चित्रकारी की गई हो। अंतरिक्ष में मैंने अपने भारत को भी देखा, जो अत्यंत सुंदर एवं मनोहारी लग रहा था। एक साथ पूरी धरती को देखना एक बहुत बड़ा रोमांच था। अंतरिक्ष यान से बाहर निकलकर मैं एक पक्षी की भाँति हवा में तैरने लगा। ऐसा लगा मानो शरीर में भार ही नहीं है।