Hindi Essay, Nibandh on “यात्रा का महत्व”, “Importance of Travel” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.
यात्रा का महत्व
मानव जन्मजात से ही जिज्ञासु होता है। अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने तथा आनंद प्राप्ति के लिए आरंभ से ही मनुष्य दूर-दराज की यात्राएँ करता आया है। आधनिक पर्यटन की प्रवृत्ति और उसके एक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकास पाने के मूल में व्यक्ति की जिज्ञासा, नई-नई खोजें करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति ही कही जा सकती है। देश-विदेश में पर्यटन से मनुष्य रोजमर्रा की चिंताओं से मुक्त होकर तरोताज़ा दिमाग वाला हो जाता है। पर्यटन से हमें देश-विदेश के खान-पान, रहन-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति का ज्ञान मिलता है। इससे प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। पर्यटन के माध्यम से किसी देश और उसकी सभ्यता-संस्कृति, रीति-नीतियों, परंपराओं के संबंध में फैली भ्रांतियों का निराकरण हो जाता है। भारत में आज विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक बड़ा साधन पर्यटन उद्योग ही है। प्रायः सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भोजनालयों, विश्राम-गृहों, मनोरंजन स्थलों, यातायात के साधनों, नए-नए होटलों की भरमार है। पर्यटन स्थल प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक तथा धार्मिक महत्व के भी होते हैं। प्रतिवर्ष हजारों-लाखों देशी-विदेशी पर्यटक अपनी जिज्ञासा-वृत्ति को शांत करने के लिए विभिन्न स्थानों पर पहुँचते हैं।