Hindi Moral Story “Mann Ke Hare Haar Hai”, “मन के हारे हार है” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
मन के हारे हार है
Mann Ke Hare Haar Hai
व्यक्ति अपने मन के बलबूते पर सफलता प्राप्त करता है। इसमें उत्साह एवं उमंग का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। जितने भी व्यक्तियों को हम महान् बना देखते हैं वे सभी अथाह उत्साह एवं विश्वास की पूंजी लिए उन्नति के पथ पर अग्रसर हए हैं। उनका दृढ़ संकल्प एवं इच्छाशक्ति व संकट के समय हार न मानने की जिद ने उन्हें शिखर पर पहुंचाया।
दो मेढ़कों की कहानी भी इसी तथ्य को प्रमाणित करती है।
एक बार दो मेढ़क तालाब के सूख जाने पर पानी की तलाश में भटकने लगे। वे भटकते भटकते एक हलवाई की दुकान में पहुँचे, जहां एक बाल्टी में गिर पड़े। जिसमें दूध भरा हुआ था। दोनों बाहर निकलने का रास्ता ढूंढने लगे और चारों तरफ तैरते रहे किन्तु वे बाहर नहीं निकल सके। इससे निराश होकर एक मेढ़क सोचने में व्यस्त हो गया कि यहां से बाहर निकल पाना अब मुमकिन नहीं है अत: किसी प्रकार की कोशिश करनी बेकार ही है। सुबह जब हलवाई आकर हमें देखेगा तो हमें मार डालेगा। इस प्रकार अब हमें मृत्यु से कोई नहीं बचा सकता। हार कर उसने तैरना छोड़ दिया और दूध में डूबकर मर गया। किन्तु दूसरे मेढ़क ने हार न मानी। हालांकि वह थक गया था कि वह सारी बाल्टी के इर्द-गिर्द चक्कर लगाता रहा। इधर-उधर तैरने से मक्खन बनने लगा। अन्त में मक्खन का एक गोला बन गया। अब वह उस गोले पर चढ़ा और छलांग मार कर बाहर आ गया। इस प्रकार वह वहां से भाग जाने और जान बचाने में सफल रहा।
शिक्षा-मन के हारे हार है मन के जीते जीत।