Hindi Moral Story “Jaisa Karoge Waisa Bharoge”, “जैसा करोगे वैसा भरोगे” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
जैसा करोगे वैसा भरोगे
Jaisa Karoge Waisa Bharoge
इस संसार में मनुष्य अपने कर्मों का फल भोगता है। अच्छे कार्यों का परिणाम अच्छा और बुरे कार्यों का परिणाम बुरा होता है। कहावत है
“बुरे काम का बुरा नतीजा” और कबीरदास ने कहा है
“बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाय।”
इसी प्रकार तुलसीदास ने भी कहा कि,
“जो जस करे सो तस फल चाखा।”
अंग्रेजी में भी कहावत है “जैसे को तैसा”।
इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए निम्नलिखित कहानी पेश है:
एक वन में एक लोमड़ी व एक सारस रहते थे। वे दोनों पक्के मित्र थे। एक दिन लोमड़ी ने सारस का मजाक बनाने के लिए उसे अपने यहां भोजन पर बुलाया। सारस ने इसे मान लिया।
वह निश्चित समय पर भोजन के लिए पहुँचा। लोमड़ी ने प्रेम से उसका स्वागत किया। जब वे भोजन करने बैठे तो लोमड़ी ने एक चौड़ी थाली में पतली खीर रख दी। लोमड़ी तो स्वाद लेकर चाटने लगी किंतु सारस की चोंच लम्बी थी, वह खीर न खा सका। सारस को गुस्सा बहुत आया, लेकिन वह चुप रहा। वह मन ही मन अपने इस अपमान का बदला लेने का विचार करके भूखा ही लौट आया।
कुछ दिन बाद सारस ने लोमड़ी को भोजन पर बुलाया। लोमड़ी ठीक समय पर पहुँच गई। सारस ने लम्बी सुराही में मछलियां रख दीं। सारस मज़े से मछलियां खाता रहा और लोमड़ी उसका मुँह देखती रह गई।
शिक्षा-जैसा करोगे वैसा भरोगे।