Pita ki Mrityu par samvedna prakat karte hue mitra ko patra “पिता की मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए मित्र को पत्र ।” Sample Hindi Letter Writing Example.
पिता की मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए मित्र को पत्र ।
50, आजादपुर, दिल्ली ।
दिनांक 13 सितंबर,
प्रिय मित्र
कृष्ण,
सप्रेम नमस्ते । अभी-अभी तुम्हारे पिता जी के देहावसान का समाचार मिला, बहुत दुख हुआ । यह तो मुझे स्वप्न में भी आशा न थी कि उनका स्नेहांचल हमारे ऊपर से इतनी शीघ्र उठ जाएगा । अभी उनकी अवस्था ही क्या थी ? स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा था। ऐसे दुखद समाचार की आशंका किंचित मात्र भी नहीं थी।
तुम्हारे पिता जी कितने सहृदय और उदार थे। सभी परिचित उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते थे और सभी के ऊपर उनका स्नेहांचल था। परमार्थ में लगे रहना तो मानो उनका धर्म बन गया था। पास-पड़ोस के बच्चे-बूढ़े सभी उनके आभारी थे। ऐसा समाजसेवी तो चिराग लेकर ढूँढने से भी नहीं मिलता । उनके जाने से समाज को जो क्षति पहुँची है, उसकी पूर्ति कदाचित बरसों में भी न हो सके। वास्तव में महान आत्मा थे।
इस पर भी जीवन और मृत्यु ईश्वर के अधीन है । कोई पुण्यात्मा हो या पापी, मृत्यु पर भी किसी का बस नहीं है । मैं समझता हूँ कि यह आकस्मिक विपत्ति तुम्हारे और तुम्हारे परिवार के लिए बहुत ही कष्टदायक और असह्य होगी। अब इसे धीरज से सहने के अलावा कोई चारा नहीं है । ईश्वर तुम्हें इसके लिए शक्ति प्रदान करे और दिवंगत आत्मा को शांति दे ।
तुम्हारा चिरस्नेही,
रामेश्वर दयाल