Hindi Moral Story “Har Vyakti ka Saman Krna Chahiye”, “हर व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए ” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
गलती को स्वीकार करो
महात्मा गाँधी और खान अब्दुल गफ्फार खान एक ही जेल में कैद थे. यद्यपि देशी-विदेशी जेलर गाँधी जी का बहुत सम्मान करते थे, किन्तु गाँधी जी भी जेल के नियमो और अनुशासन का सख्ती से पालन करते थे. जेलर के आने पर गाँधी जी उनके सम्मान में उठकर खड़े हो जाते थे.
खान अब्दुल गफ्फार खान, जिन्हें सीमान्त गाँधी कहा जाता था, को गाँधी जी का यह तौर-तरीका नापसंद था. उनका कहना था की जो सरकार इस देश पर गलत ढंग से हुकूमत कर रही है, हम भला उसे और उसके संस्थाओ को मान्यता क्यों दे.
गाँधी जी का कहना था की हम जहाँ भी हो हमें वहां के अनुशासन का पालन करना चाहिए. एक दिन सीमान्त गाँधी ने महात्मा गाँधी पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा की ‘आप जेलर’ का सम्मान इसलिए करते है क्योंकि वह आपको नियम से अधिक सुविधाएँ देता है. उदाहरण के लिए हम लोगो को तो हिन्दी या अंग्रेजी का अख़बार मिलता है, लेकिन आपको गुजराती पत्र-पत्रिकाएँ भी मिलती है. आप इसलिए जेलर के अहसानमंद हो गये है. दुसरे दिन से गाँधी जी ने केवल एक ही अख़बार लिया और शेष साहित्य लेने से इंकार कर दिया.
एक महीना बीत गया. गाँधी जी जेलर के प्रति वही सम्मान प्रदर्शित करते रहे जो वे पहले किया करते थे. यह तौर-तरीका भला सीमांत गाँधी की नजर से कैसे चूक सकता था. उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ, वे गाँधी जी के पास जाकर माफ़ी मांगने लगे. गाँधी जी ने हंसकर उन्हें गले लगा लिया. दुसरे दिन से सीमांत गाँधी के तेवर भी बदल गये और वे भी जेलर के आगमन पर उसके सम्मान में उठकर खड़े होने लगे.
शिक्षा/Story:- दोस्तों यह कहानी हमें यह बताती है कि व्यक्ति को अपनी गलती स्वीकार करने में कभी भी नहीं हिचकिचाना चाहिए और हर किसी का सम्मान करना चाहिए. हमें महात्मा गाँधी जी के जीवन से यह जरुर सीख लेनी चाहिए की हमें हर व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए भले वह इंसान हमारा सम्बन्धी हो या नहीं.