Hindi Moral Story “Asli Khushi”, “असली ख़ुशी” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
ख़ुशी का राज
एक शहर में विजय नाम का एक अमीर व्यापारी रहता था. उस व्यक्ति के पास बहुत अधिक धन था. एक दिन उसने अपनी पत्नी अंजू को करोडो रूपये का एक नेकलेस गिफ्ट किया जिस कारण उसकी पत्नी अंजू को उस नेकलेस से काफी लगाव था.
एक बार वे दोनों एक धर्मयात्रा पर निकले. धर्मयात्रा में चलते – चलते वे एक धर्मस्थल में पहुंचे जहाँ अचानक एक नटखट बन्दर अंजू के नेकलेस को झपटकर ले गया और उस बन्दर ने उसे एक ऊँचे पेड़ की टहनी में टांग दिया.
अंजू ने उस नेकलेस को निकालने की कोशिश की पर वह नाकाम हुई और उसे देखकर वहां और लोग भी उस नेकलेस को निकालने में जुट गये. लेकिन वे लोग भी उस नेकलेस को निकालने में असमर्थ रहे.
अचानक लोगो को लगा की बन्दर ने उस नेकलेस को नीचे बहते गंदे नाले में गिरा दिया. कुछ लोगो ने उस नेकलेस को निकालने के लिए नाले में छलांग लगा दी. तभी उधर से गुजर रहे एक गुरूजी को यह सब देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ.
उन्होंने गौर से देखा तो पाया की जिस नेकलेस को पाने के लिए लोग नाले में कूदे है, वह नेकलेस तो अभी भी पेड़ में लटक रहा है.
उन्होंने उन लोगो से कहा की आप जिस चीज को एक नाले में पाने की कोशिश कर रहे हो, वह तो सिर्फ उसकी परछाई है. असली चीज तो अभी भी पेड़ से लटक रही है. यह सब देखकर वे लोग हताश हो गये.
शिक्षा/Moral:- इस कहानी की शिक्षा यह है कि हम बाहर की चीजो में खुशियाँ ढूंढते रहते है और उन चीजो से खुद को खुश रखना चाहते है किन्तु इन बाहरी चीजो से हमें क्षणिक भर ख़ुशी तो मिल सकती है लेकिन असली ख़ुशी हमें तब ही मिलती है जब हमारा अंतरमन खुश हो. इसलिए खुशियाँ पाने के लिए बाहरी चीजो के बजाय खुद के अन्दर झांककर देखे.