Hindi Moral Story “Aatma ki Awaj”, “आत्मा की आवाज़” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
आत्मा की आवाज़
किसी गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था | ब्राह्मण गरीब होते हुए भी सच्चा और इमानदार था|परमात्मा में आस्था रखने वाला था | वह रोज सवेरे उठ कर गंगा में नहाने जाया करता था| नहा धो कर पूजा पाठ किया करता था| रोज की तरह वह एक दिन गंगा में नहाने गया नहा कर जब वापस आ रहा था तो उसने देखा रास्ते में एक लिफाफा पड़ा हुआ हैउसने लिफाफा उठा लिया| लिफाफे को खोल कर देखा तो वह ब्राह्मण हक्का बक्का रह गया लिफाफे मे काफी सारे नोट थे| रास्ते में नोटों को गिनना ठीक न समझ कर उसने लिफाफा बंद कर दिया और घर की तरफ चल दिया| घर जाकर उसने पूजा पाठ करके लिफाफे को खोला | नोट गिनने पर पता चला की लिफाफे मे पूरे बीस हजार रूपये थे| पहले तो ब्रह्मण ने सोचा कि भगवान ने उस की सुन ली है| उसे माला माल कर दिया है | ब्राह्मण की ख़ुशी जादा देर रुक नहीं सकी| अगले ही पल उसके दिमाग में आया कि हो सकता है यह पैसे मेरे जैसे किसी गरीब के गिरे हों|
सायद किसी ने अपनी बेटी की शादी के लिए जोड़ कर रख्खे हों| उसकी आत्मा ने आवाज दी कि वह इन पैसों को ग्राम प्रधान को दे आये| वह उठा और ग्राम प्रधान के घर की तरफ को चल दिया| अभी वह ग्राम प्रधान के आँगन मे ही गया था उसे लगा कोई गरीब आदमी पहले से ही ग्राम प्रधान के घर आया हुआ है | वह भी उन के पास पहुँच गया| गरीब आदमी रो-रोकर प्रधान को बता रहा था की कैसे कैसे यत्नों से उसने पैसे जोड़े थे पर कहीं रास्ते में गिर गए थे| सारी कहानी सुन ने पर गरीब ब्रह्मण ने जेब से पैसे निकले और उस गरीब आदमी को देते हुए कहा कि मुझे ये पैसे रास्ते में मिले हैं| आप की कहानी सुन ने के बाद अब यकीन हो गया है कि ये पैसे आप के ही है| पैसे देखते ही गरीब के चेहरे पर रौनक आ गई | गरीब ब्राह्मण ने कहा पैसे गिन लीजिये| गरीब आदमी ने ब्राह्मण का धन्यवाद करते हुए कहाकि पैसे तो पूरे ही हैं इसमे से में आप को कुछ इनाम देना चाहता हूँ | गरीब ब्रह्मण ने कुछ भी लेने से इंकार कर दिया| ब्राह्मण अपने घर को वापस आ गया उस को इस बात की ख़ुशी थी कि उसकी आत्मा की आवाज की जीत हुई है |