सभी सहायक सबल के कोउ न निबल सहाय Sabhi Sahayak Sabal Ke Kou Na Bibal Sahay भूमिका डार्विन के अनुसार इस संसार की उत्पत्ति विकासवाद के सिद्धांत के अनुसार हुई है। उसके अनुसार मत्स्य-न्याय ही सृष्टि में कार्य कर रहा...
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब Kal Kare So Aaj Kar, Aaj kare so Ab भूमिका बहुत-से मनुष्य आज-कल करते ही अपना अमूल्य समय खोते रहते हैं। परिणाम यह होता है कि उनका कार्य कभी पूरा नहीं...
जैसा करोगे वैसा भरोगे Jaisa Karoge Vaisa Bharoge भूमिका संसार में कोई धनी है, कोई निर्धन। कोई विद्वान् है, कोई मूर्ख! इसका कारण यह है कि जिसने जैसे कर्म किए वैसा उसे फल मिला। मध्य जो व्यक्ति बाल्यकाल में परिश्रम करके...
कारज धीरे होते हैं, काहे होत अधीर Karaj Dhire Hote Hein, Kahe Hot Adhir भूमिका धैर्य से काम होता है, घबराने से काम बिगड़ता है। रोम पहले एक छोटी-सी बस्ती, धीरे-धीरे इतना बड़ा शहर हो गया। धैर्य के गुण धैर्यशाली...
कहने से करना भला Kahne Se Karna Bhala भूमिका उपदेशों से इतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना उस उपदेश का उदाहरण बनकर दिखाने से पड़ता है। हेतु मनुष्य जैसा देखता है वैसा करता है। कानों से सुने हुए से आँखों से देखा...
गुरु गोविन्द सिंह जी Guru Gobind Singh Ji भूमिका सिक्खों के दशम गुरु। हिन्दुस्तान में सत्कृत। जन्म, पितृकुल परिचय आदि पटना में 22 दिसम्बर 1666 ई. में जन्म। पिता का नाम गुरु तेगबहादुर। जीवन की विशेष घटनाएँ औरंगजेब से पितृवध के...
गुरु नानकदेव जी Guru Nanak Dev Ji भूमिका सिक्ख धर्म के आदि प्रवर्तक। जन्म, पितृकुल परिचय आदि-जन्म 15 अप्रैल सन् 1469 में पंजाब के तलवंडी ग्राम में। पिता का नाम कालूराम खत्री। जीवन की विशेष घटनाएँ बाल्यकाल से ही प्रतिभाशाली तथा...
महाराणा प्रताप Maharana Pratap भूमिका राजपूतों में अतिप्रसिद्ध। जन्म, पितृकुल परिचय पिता का नाम उदयसिंह। राजस्थान चित्तौड़। उदयसिंह की कायरता से चित्तौड़ राज्य अकबर के हस्तगत। राज्य और विशेष घटनाएँ 1572 में उदयसिंह का देहांत। सबसे छोटा लडका जयमल उत्तराधिकारी। उस...
डाक-विभाग Dak Vibhag भूमिका सबका परिचित। इसके द्वारा संसार एकसूत्र में बद्ध। इतिहास प्रथा पुरानी, पुरातन काल में व्यष्टि रूप में, मुसलमानों के राज्य में घोड़ों पर। इससे अधिक व्यय। समय अधिक। पुराने इंग्लैंड में भी ऐसी ही दशा, मा. क्रामवल...
कुंभ मेला – हरिद्वार Kumbh Mela Haridwar भूमिका हमारे यहाँ गंगा नदी का बड़ा महत्त्व। समय-समय पर इसमें स्नान करने से स्वर्ग-प्राप्ति की आशा। प्रयाग, काशी, हरिद्वार आदि प्रसिद्ध तीर्थ-स्थान । प्रत्येक बारहवें, छठवें आदि वर्षों में कुंभ तथा कुंभी आदि...