नकलची बंदर Nakalchi Bandar एक पेड़ पर एक बंदर था। उसी समय एक नाई वहाँ आ पहुँचा। उसने पेड़ के नीचे बैठकर अपनी दाढ़ी बनाई। बाद में वह वहीं पर सो गया। पेड़ पर बैठे हुए बंदर ने नाई को दाढ़ी...
लालची कुत्ता Lalchi Kutta एक कुत्ता था। एक दिन उसे एक रोटी मिल गई। उसे मुँह में दबाकर वह एक तालाब के पास गया। तालाब के पानी में कुत्ते ने अपना प्रतिबिंब देखा। कुत्ता समझा कि वह कोई कुत्ता है, जिसके...
कौआ और लोमड़ी Kova aur Lomdi एक लोमड़ी थी। वह बहुत भूखी थी। उसने पेड़ की डाल पर एक कौए को देखा। कौए की चोंच में रोटी थी। लोमड़ी पेड़ के नीचे पहुँची। उसने कौए से कहा, “कौआ दादा, .....
चतुर कौआ Chatur Kova एक कौआ था। उसे बहुत प्यास लगी थी। उसने चारों तरफ देखा। उसे कहीं पानी नहीं मिला। अचानक कौए की नजर एक घडे पर पड़ी। घड़े में थोड़ा ही पानी था। कौए ने घड़े में अपनी चोंच...
अंगूर खट्टे हैं Angur Khatte Hai एक थी लोमड़ी। एक दिन उसने अंगूर की बेल देखी। उस पर पके हुए अंगूरों के गुच्छे लटक रहे थे। अंगूर देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी भर आया। अंगर पाने के लिए लोमड़ी...
ईमानदार लकड़हारा Imandar Lakadhara यदि मानव की लोभावृत्ति उसे हानि पहुँचाती है और संकट को आमंत्रित करती है तो इसके ठीक विपरीत ईमानदारी एवं सच्चरित्रता उसके उन्नति-मार्ग को निष्कंटक एवं प्रशस्त करती है, साथ ही उसे इसका समुचित फल भी प्रदान...
लालची ब्राह्मण Lalchi Brahman लालच मनुष्य का स्वभाव है। थोड़े से रुपए, अधिक दौलत अथवा रूप यौवन की लालसा मनुष्य को चारित्रिक पतन की ओर ले जाती है। इस लोभ-वृत्ति के कारण मानव हमेशा धोखा खाता है। इसी तथ्य को...
बुरी संगति Buri Sangati हमारे धर्मग्रन्थों में चरित्र की व्याख्या को अच्छा स्थान मिला है। अंग्रेजी साहित्य में चरित्र का पतन सबसे बुरा बताया गया है। उसकी हानि को सबसे बडी हानि कहा गया है। चरित्र को बनाने में बालक की...
कथनी से करनी भली Kathni Se Karni Bhali गुणी जन एवं श्रेष्ठ व्यक्ति अपने गुणों की तारीफ स्वयं अपने मुँह से नहीं करते। उनके महान् कार्य ही उनकी तारीफ के सुबूत होते हैं। किसी कार्य के विषय में मुंह से कहने...
मन के हारे हार है Mann Ke Hare Haar Hai व्यक्ति अपने मन के बलबूते पर सफलता प्राप्त करता है। इसमें उत्साह एवं उमंग का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। जितने भी व्यक्तियों को हम महान् बना देखते हैं वे सभी...