ज़िंदगी का कड़वा सच एक भिखारी था | वह न ठीक से खाता था, न पीता था, जिस वजह से उसका बूढ़ा शरीर सूखकर कांटा हो गया था | उसकी एक – एक हड्डी गिनी जा सकती थी | उसकी आंखों...
एकता मे बल एक समय की बात हैं कि कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उडता हुआ जा रहा था। गलती से वह दल भटककर ऐसे प्रदेश के ऊपर से गुजरा, जहां भयंकर अकाल पडा था। कबूतरों...
अहंकारी का अंत बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे| जंगल के बीच में एक बहुत बड़ा तालाब था जहाँ से जानवर पानी पीते थे| इस तालाब के किनारे पर एक पपीते का बहुत...
आपसी सदभाव प्राचीन काल में एक नदी के किनारे बसा नगर व्यापार का केन्द्र था। फिर आए उस नगर के बुरे दिन, जब एक वर्ष भारी वर्षा हुई। नदी ने अपना रास्ता बदल दिया। लोगों के लिए पीने का पानी न...
अंधका सुर बहुत समय पहले की बात है| हिरण्याक्ष का एक बेटा था, जिसका नाम अन्धक था| अन्धक ने तपस्या के द्वारा ब्रह्मा जी की कृपा से न मारे जाने का वर प्राप्त कर के त्रिलोकी का उपभोग करते हुए इन्द्रलोक...
आत्मा की आवाज़ किसी गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था | ब्राह्मण गरीब होते हुए भी सच्चा और इमानदार था|परमात्मा में आस्था रखने वाला था | वह रोज सवेरे उठ कर गंगा में नहाने जाया करता था| नहा धो कर...
अपना हाथ जगनाथ बुलाकी एक बहुत मेहनती किसान था। कड़कती धूप में उसने और उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने रात दिन खेतों में काम किया और परिणाम स्वरूप बहुत अच्छी फ़सल हुई। अपने हरे भरे खेतों को देख कर उसकी...
अपने अपने करम सेठ घनश्याम दास बहुत बड़ी हवेली में रहता था। उसके तीन लड़के थे। पैसा, नौकर, चाकर, घोड़ा गाड़ी तो थी ही, मगर उसे अपने ख़ज़ाने में सबसे अधिक प्यार अपने 17 हाथियों से था। हाथियों की देखरेख में...
बड़ा कौन भूख, प्यास, नींद और आशा चार बहनें थीं, एक बार उनमें लड़ाई हो गई, लड़ती-झगड़ती वे राजा के पास पहुंचीं, एक ने कहा, मैं बड़ी हूं, दूसरी ने कहा मैं बड़ी हूं, तीसरी ने कहा, मैं बड़ी हूं, चौथी...
बाघ और बगुला एक बार एक बाघके गले में हड्डी अटक गयी| बाघ ने उसे निकलने की बड़ी चेष्टा की, पर उसे सफलता नहीं मिली| पीड़ा से परेशान हो कर वह इधर उधर दौड़ भाग करने लगा| किसी भी जानवर को...