मेट्रो रेल आज देश के महानगरों में अनेक समस्याएँ हैं, जिनमें जनसंख्या की अधिकता, सड़कों पर वाहनों की भीड़-भाड तथा चरमराती परिवहन व्यवस्था भी है। दिल्ली जैसे बड़े महानगर में तो ये समस्याएँ और भी विकराल हैं। दिल्ली में यातायात की...
मोबाइल फ़ोन के लाभ तथा हानियाँ विज्ञान ने मानव को अनेक उपहारों से उपकृत किया है। संचार माध्यमों में भी विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति की है। कुछ समय पूर्व तक किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि हम दूर बैठे...
प्लास्टिक की दुनिया Plastic Ki Duniya आवश्यकता आविष्कार की जननी है, इसीलिए डयूबोयस और जेन द्वारा प्लास्टिक का आविष्कार किया गया। प्रारंभ में प्लास्टिक के उपयोग को अच्छा नहीं माना जाता था. पर आज यह एक महत्त्वपूर्ण वस्तु बन गया है...
कंप्यूटर: आज के युग की जरूरत Computer – Aaj Ke Yug Ki Jarurat वर्तमान युग विज्ञान का युग कहलाता है। विज्ञान के आविष्कारों ने आज दुनिया ही बदल दी है तथा मानव जीवन को सुख एवं ऐश्वर्य से भर दिया है।...
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे Global Warming Ke Khatre ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या है जिसका दुष्प्रभाव पर्यावरण पर पड़ रहा है। वायुमंडल में बहुत-सी गैसें विद्यमान हैं; जैसे-कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, ओजोन, मिथेन और जलवाष्प आदि। ये बहुत उपयोगी हैं क्योंकि ये गैसें...
इंटरनेट: एक संचार क्रांति Internet – Ek Sanchar Kranti वर्तमान युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने मनुष्य को अनेक आविष्कार दिए हैं, कंप्यूटर भी इनमें से एक है। इसे यांत्रिक मस्तिष्क भी कहा जाता है। कंप्यूटर में इंटरनेट की सुविधा...
दूरदर्शन और जन-जागरण Doordarshan aur Jan-Jagran आधुनिक विज्ञान ने मानव को अनेक उपहारों से उपकृत किया है, जिनमें दूरदर्शन अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथा लोकप्रिय है। दूरदर्शन आज सबसे सशक्त संचार माध्यम है। दूरदर्शन केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं है, अपितु अनेक...
विज्ञान के बढ़ते चरण Vigyan Ke Badhte Charan आज का युग विज्ञान का युग कहा जाता है। आदि काल में जो मानव कभी पशु जैसा जीवन जीता था, वही विज्ञान की उपलब्धियों के बल पर आज जल, थल और आकाश का...
भारत में लोकतंत्र Bharat Me Loktantra लोकतंत्र का अर्थ है-जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन क्योंकि इसमें जनता के प्रतिनिधि शासन करते हैं, जिनका चुनाव भी जनता करती है। भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। भारत में लोकतंत्र की सफलता...
मेरी मातृभूमि Meri Matribhumi तुलसीदास ने कहा है, “जननी जन्मभमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” अर्थात जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान हैं। मातृभूमि भी माँ के समान ही सारा जीवन हमारा पालन-पोषण करती है। जिस मातृभूमि में हमने जन्म लिया है, जिसके...