Hindi Moral Story “Tenaliram ki Chaturaai”, “तेनालीराम की चतुराई” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
तेनालीराम की चतुराई
एक गर्मी की रात, जब तेनालीराम और उनकी पत्नी सो रहे थे, तो उन्हें बाहर से पत्तियों के सरसराने की आवाज सुनाई दी .उस समय हवा भी नहीं चल रही थी, इसलिए उन्होंने सोचा कि झाड़ियों में चोर छिपे है। अब वे सोचने लगे की उन्हें आखिर क्या करना चाहिए जिससे चोर भी पकड़ा जाये और किसी को कोई नुकसान भी न हो| तभी तेनालीराम को चोर को पकड़ने की एक युक्ति सूझी।
उन्होंने एक योजना के बारे में सोचा और अपनी पत्नी से कहा, “प्रिय, मैंने सुना है कि हमारे पड़ोस में कुछ कुख्यात चोर रहते हैं। इसलिए हमें अपने सभी गहने और पैसो को छिपा देना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रहें.
थोड़ी देर बाद तेनालीराम और उनकी पत्नी एक बड़े ट्रंक को लेकर घर से निकल पड़े और उसे कुएं में गिरा दिया. तब वे घर के अंदर वापस चले गए, और सो जाने का नाटक करने लगे।
चोर थोड़ी देर इंतजार करने लगे और फिर उन्होंने कुएं से पानी खींचना शुरू कर दिया।
वे कुएं को खाली करके खजाना पाने की कोशिश कर रहे थे। चोर पूरी रात पानी बाहर निकालते रहे| सुबह तक वे ट्रंक को बाहर निकालने में कामयाब रहे, और जब उन्होंने इसे खोला तो वे चौंक गए क्योकि इसमें केवल कुछ बड़े पत्थर रखे थे।
उन्हें समझा आ गया कि यह तेनालीराम की योजना थी। तभी तेनालीराम कुछ सैनिको के साथ वहां आये और कहा, ” धन्यवाद दोस्तों, मेरे पौधों को पानी देने के लिए। मुझे आपके श्रम के लिए आपको भुगतान करना होगा। ”
यह सुनकर, सभी चोर तेनालीराम के पैर में गिर गए और माफ़ी मांगने लगे। उन्होंने वादा किया की वे अब से कभी चोरी नहीं करेंगे। तेनाली ने उन्हें जाने देने का फैसला किया।
शिक्षा/Moral:- हालात चाहे कितने भी गंभीर हो हम अपनी बुद्धि का उपयोग करके अपने आप को उससे बाहर निकल सकते हैं बस जरुरत है अपने दिमाग को शांत रखकर फैसला लेने की।