Hindi Moral Story “Siyar aur Gadha”, “सियार और गाधा” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
सियार और गाधा
एक समय की बात है एक गधा एक धोबी के पास रहता था| धोबी उसपर कपडे लाद कर रोज नदी किनारे कपडे धोने जाया करता था| दिन में खाली समय में गधा नदी किनारे की घास खाया करता था| एक दिन वहां कहीं से एक सियार आ गया| सियार और गधा आपस में बातें करने लगे| कुछ ही दिनों में दोनों की दोस्ती पक्की हो गई| दोनों आस पास घूमने जाया करते थे| एक दिन घूमते घूमते दोनों एक फारम में चले गए| फारम में हरी हरी ककड़ीयां देख कर उनके मुंह में पानी आ गया| दिन के समय में माली के रहते ककड़ी खाना बहुत मुश्किल था इस लिए दोनों वापस आगए| रास्ते में आते आते उन्हों ने फैसला किया कि रात में आ कर ककड़ियों का स्वाद लिया जाए| अगले दिन ही रात में गधा और सियार दोनों ककड़ी के फारम में जा पहुंचे| उन्हें ककड़िया बहुत स्वाद लगी| खूब भर पेट खाने के बाद गधे कि नज़र आसमान की ओर गई जहाँ पूर्णिमा का चाँद खिला हुआ था| चाँद को देखते ही गधे का मन गाना गाने को मचलने लगा| गधे ने सियार से कहा देखो कितना सुन्दर दिख रहा है चंद्रमा | ऐसे में मेरा जी गाने को कर रहा है| सियार ने कहा ऐसा हरगिज मत करना नहीं तो हम मुसीबत में फंस जाएँगे| माली तुम्हारे गाने को सुनकर जाग जाएगा| तुम्हारी आवाज भी काफी ऊँची होती है| गधे ने कहा तुम गाने के बारे में क्या जानो| गाना कब गाया जाता है| इतने सुन्दर मौसम को में अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता हूँ| में तो गाना गाऊंगा| सियार समझ गाया की गधा अब मानने वाला नहीं है| उस ने कहा ठीक है जब आप गाना ही चाहते हैं तो में बहार गेट पर चला जाता हूँ ओर माली का ख्याल रखता हूँ| जब माली आएगा तो में आप को सावधान कर दूंगा| सियार गेट से बहार आ गाया| गधे ने अपनी ऊँची आवाज में गाना शुरू कर दिया| गधे की आवाज सुन कर माली वहां आ गाया| माली ने गधे की डंडे से खूब पिटाई की| मार की वजह से गधा वहीँ गिर पड़ा| होश आने पर गधा बहार आया जहाँ सियार उसका इंतजार कर रहा था| गधे को देखते ही सियार हँसते हुए बोला आप ने मेरी बात नहीं मानी और उसका आप को उपहार भी मिल गाया है| गधे ने कराहते हुए कहा मेंरी बेवकूफी का मखौल मत उडाओ में पहले ही बहुत शर्मिंदा हूँ अपने प्यारे दोस्त की सलाह न मानाने पर|फिर दोनों अपने गंतब्य की ओर चल दीए| इसी लिए कहते हैं कि अच्छे दोस्त की अच्छी बात मान लेने में ही भलाई है|