Hindi Moral Story “Sher aur Chuha”, “शेर और चूहा” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
शेर और चूहा
सुंदरवन की बात हैं। जंगल का राजा शेर बहुत थका हुआ था, उसने एक सोचा चलो कुछ देर आराम कर लेता हूँ। उसने एक बहुत ही छायादार पेड़ देखा और वहाँ जाकर लेट गया। शेर बहुत थका हुआ था, कुछ ही देर में उसे गहरी नींद लग गयी, और वह जोर – जोर से खर्राटे भरने लगा।
जिस पेड़ के निचे शेर सोया हुआ था, वहाँ पास में एक नटखट चूहा का बिल था। शेर की तेज खराटे से परेशान होकर चूहा अपने बिल से बाहर निकला उसने देखा की जंगल का राजा गहरी नींद में खर्राटे भर रहा हैं।
बस फिर क्या था…नटखट चूहे को शरारत सूझी, वह शेर की पीठ पर चढ़ गया और जोर-जोर से उछलने लगा। शरारती चूहा कभी शेर के कान खींचता तो कभी पुँछ पकड़ के झूलने लगता था। उसकी उछलने से शेर की नींद खुल गयी,
शेर ने झटके से चूहे को पकड़ लिया और बोला- मूर्ख चूहा….तुमने मेरी नींद खराब की हैं, अब में तुम्हें मार डालूँगा।
जंगल का राजा शेर बहुत गुस्से में था, शेर को गरजता देख चूहा काँपने लगा।
चूहा बोला- महाराज, मुझे माफ कर दीजिए, आप तो जंगल के राजा हैं, मुझ जैसे छोटे चूहे को मार कर आपको क्या मिलेगा। लेकिन अगर आप मुझे छोड़ देंगे तो में भी कभी आपके काम जरूर आऊँगा।
चूहे की बात सुनकर शेर को बहुत हंसी आयी, शेर जोर – जोर से हँसने लगा…
शेर हँसते हुए बोला- तुम एक चूहा और में जंगल का राजा शेर हूँ, भला तुम मेरे किस काम आओगे लेकिन तुमने मुझे हँसाया है, इसलिए में तुम्हें छोड़ रहा हूँ।
शेर ने चूहे को छोड़ दिया, चूहा तुरंत अपने बिल में चला गया।
ऐसे ही कुछ दिन बीत गया एक दिन बाद की बात हैं। चूहा बिल के बाहर घूम रहा था, तभी उसकी नजर उस शेर पर गयी, आज वह शिकारी द्वारा बिछाये गए जाल में फँसा गया था।
चूहा शेर के पास गया और बोला- महाराज में वहीं चूहा हूँ, जिसे आपने छोड़ दिया था। मैंने कहा था की में जरूर आपके काम आऊँगा। में अभी इस जाल को काट देता हूँ। चूहे ने अपनी नुकीली दाँतों से जल्दी ही उस जाल को काट दिया, और शेर तुरंत बाहर आ गया।
शेर बोला- मुझे माफ़ करना चूहा, उस दिन मैंने तुमपर हंसा था, लेकिन आज मुझे यह ऐहसास हुआ हैं की छोटा – बड़ा कुछ नहीं होता सबकी अपनी एक अलग विशेषता होती हैं। लेकिन तुमने मेरी जान बचायी हैं, इसलिए आज से हम दोनों दोस्त हुये, उसके बाद चूहा और शेर में दोस्ती हो गयी, चूहा शेर की पीठ पर बैठता और घूमता था, दोनों में गहरी मित्रता हो गयी।
शिक्षा/Moral:-दोस्तों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी हमें दूसरों को कम नहीं समझना चाहिए, हर छोटी – बड़ी चीज का अपना अलग महत्व होता हैं। जिस चीज को हम छोटा समझते हैं, अक्सर वही चीज मुश्किल वक्त में काम आती हैं।