ईमानदारी का फल
Imandari Ka Phal
हरीश नामक एक गरीब लड़का था। वह जवान था, पढ़ा-लिखा भी था, पर बेकार था। उसने बहुत कोशिश की पर कोई नौकरी नहीं मिल रही थी।
एक दिन हरीश अपने मित्र के घर जा रहा था। रास्ते में उसे एक पर्स मिला। हरीश ने देखा तो उसमें पूरे पाँच हजार रुपए थे। पर्स के अंदर से उसे एक कार्ड मिला। उस पर पर्स के मालिक का नाम और पता लिखा हुआ था।
हरीश उसी समय पर्स के मालिक के पास पहुँचा। हरीश ने मालिक को पर्स लौटाया। अपने रुपए सुरक्षित पाकर मालिक बहुत खुश हुआ। उसकी अपनी एक बड़ी फैक्टरी थी। उसमें प्लास्टिक की चीजें बनती थीं। उसने हरीश को अपनी फैक्टरी में नौकरी दे दी। हरीश मेहनती और ईमानदार तो था ही। कुछ ही समय में वह उस फैक्टरी का मैनेजर बना दिया गया। सच है, ईमानदारी का परिणाम हमेशा अच्छा ही होता है।