Hindi Moral Story “Ghar ka Bhedi Lanka Dhaye”, “घर का भेदी लंका ढाए” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
घर का भेदी लंका ढाए
Ghar ka Bhedi Lanka Dhaye
किसी को कोई ठोकर लग जाए या दिल को गहरी ठेस पहुँचे तो उसकी आँखों से आँस निकल पड़ते हैं और उसके मन का दुःख प्रकट हो जाता है। इसी प्रकार जब किसी मनुष्य को प्रताड़ित करके घर से निकाला जाता है तो वह अपने घर का भेद भी दूसरों के समक्ष प्रकट कर देता है। विभीषण द्वारा श्री राम को लंका के रहस्य बताने की कहानी बहुत प्रसिद्ध है।
विभीषण न केवल ईश्वर का भक्त तथा वरन् सन्त स्वभाव का भी था। वह रावण को उसके बुरे कार्यों से रोकता रहता था। रावण द्वारा सीता का हरण कर लेने पर उसने रावण को धिक्कारा और सीता को वापस कर देने को कहा परन्तु, रावण न माना। उसने भरी सभा में क्रोधित होकर विभीषण का घोर अपमान किया और लंका से बाहर निकाल दिया। दःखी विभीषण श्री राम की सेना से जा मिला और उसने रावण राज्य के सारे भेद श्री राम को बता दिए। लंका के भेद जानकर श्री राम ने लंका पर आक्रमण कर दिया। घमासान लड़ाई हुई। युद्ध में रावण के सभी नाते-रिश्तेदार मारे गए किन्तु रावण का अन्त नहीं हो रहा था। तब विभीषण ने रावण की नाभि में अमृत-होने की बात श्री राम को बताई। श्री राम ने बाण मार कर वह अमृत सुखा दिया जिससे रावण की मृत्यु हो गई।
इससे घर का भेदी लंका ढाए’ के तथ्य की पुष्टी हो जाती है।