Hindi Moral Story “Ghanti ki Kimat”, “घंटी की कीमत” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
घंटी की कीमत
Ghanti ki Kimat
रामदास एक ग्वाले का बेटा था। रोज सुबह वह अपनी गायों को चराने जंगल में ले जाता। हर गाय के गले में एकएक घंटी बँधी थी। जो गाय सबसे अधिक सुंदर थी उसके गले में घंटी भी अधिक कीमती बँधी थी। एक दिन एक अजनबी जंगल से गुजर रहा था। वह उस गाय को देखकर रामदास के पास आया, यह घंटी बड़ी प्यारी है क्या कीमत है इसकी ? बीस रुपये। रामदास ने उत्तर दिया। बस, सिर्फ बीस रुपये मैं तुम्हें इस घंटी के चालीस रुपये दे सकता हूँ। सुनकर रामदास प्रसन्न हो उठा। झट से उसने घंटी उतारकर उस अजनबी के हाथ में थमा दी और पैसे अपनी जेब में रख लिये। अब गाय के गले में कोई घंटी नहीं थी। घंटी की टुनक से उसे अन्दाजा हो जाया करता था। अतः अब इसका अन्दाजा लगाना रामदास के लिए मुश्किल हो गया कि गाय इस वक्त कहाँ चर रही है। जब चरतेचरते गाय दूर निकल आई तो अजनबी को मौका मिल गया। वह गाय को अपने साथ लेकर चल पड़ा। तभी रामदास ने उसे देखा। वह रोता हुआ घर पहुँचा और सारी घटना अपने पिता को सुनाई। उसने कहा, मुझे तनिक भी अनुमान नहीं था कि वह अजनबी मुझे घंटी के इतने अच्छे पैसे देकर ठग ले जाएगा। पिता ने, ठगी का सुख बड़ा खतरनाक होता है। पहले वह हमें प्रसन्नता देता है, फिर दुःख। अतः हमें पहले ही से उसका सुख नहीं उठाना चाहिए। लालच से कभी सुख नहीं मिलता।