Hindi Letter on “Mitra ko Parvatiya Yatra ke liye Dhanyavad dete hue patra”, “मित्र को पर्वतीय यतर के लिए धन्यवाद देते हुए पत्र”
ग्रीष्मावकाश में पर्वतीय यात्रा के दौरान आप कछ दिन के लिए अपने मित्र के घर ठहरे, जहाँ आपकी बहत आवभगत की गई। मित्र के प्रति आभार प्रकट करते हुए एक पत्र लिखिए।
56/2, टैगोर गार्डन,
नई दिल्ली।
दिनांक……………
प्रिय मित्र
सचिन,
सप्रेम नमस्ते।
मैं कल नैनीताल से नई दिल्ली सकुशल पहुंच गया। मित्र, मैने इस पर्वतीय यात्रा कर भरपूर आनंद उठाया। इस यात्रा के दौरान मैं तीन दिनों के लिए तुम्हारे घर ठहरा और इस अवधि मे तुमने मेरी जो शानदार आवभगत की उसके लिए मैं अत्यंत आभारी हूँ। मुझे किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके प्रति तुम्हारा परिवार अत्यंत सचेष्ट रहा, यह अनुभव करके मैं अत्यंत भावाकुल हूँ। इस प्रवास के कारण ही मेरी यह यात्रा स्मरणीय बन गई है।
मैं इस पत्र के माध्यम से तुम्हारा, तुम्हारे समस्त परिवार के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ। आशा है तुम अपने वायदे के अनुसार अगले मास दिल्ली आओगे और मुझे आतिथ्य का अवसर प्रदान करोंगे।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
राहुल