Hindi Letter on “Mitra ko Parvatiya Sthal ki Yatra ke Anubhav Batate hue patra”, “पर्वतीय स्थल की यात्रा के अनुभवों को बताते हुए मित्र को पत्र”
अपने पर्वतीय/दर्शनीय स्थल की यात्रा के अनुभवों को बताते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
बी-720,
सरोजिनी नगर, नई दिल्ली।
दिनांक…
प्रिय मित्र रजनीश,
सप्रेम नमस्ते।
मैं कल ही मथुरा-आगरा के दर्शनीय स्थलों की यात्रा करके लौटा हूँ। मेरी यह यात्रा अत्यंत आनंददायक एवं ज्ञानवर्धक रही। हम अपनी ही कार से पहले दिन वृंदावन गए। वहाँ के भक्तिमय वातावरण ने मुझे बहुत प्रभावित किया। बाँकेबिहारी का मंदिर देखकर मैं गद्गद हो गया। मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर भी बहुत अच्छा लगा। यमुना में मैंने नौका-विहार का आनंद लिया। मथुरा-वृंदावन में खाने के आनंद का शब्दों में वर्णन करना अत्यंत कठिन है। यहाँ की ब्रजभूमि भक्तिमय है।
इसके बाद अगले दिन हम आगरा जा पहँचे। यहाँ मैंने विश्व प्रसिद्ध ताजमहल को देखा। इसकी भव्यता और अनूठे कला-सौंदर्य को देखकर मैं ठगा-सा रह गया। आगरा में मैंने दयालबाग का मंदिर भी देखा। इस पूरे शहर को कलात्मक कहा जा सकता है। प्राचीन मुगल इमारतों को देखकर मेरे ज्ञान में भी बहुत वृद्धि हुई। मैं वहाँ से सुखद अनुभव लेकर लौटा हूँ।
तुम्हारा प्रिय मित्र
अखिलेश