Hindi Letter on “Dhumrapan karne wale mitra ko Acchi salah dete hue Patra”, “धूम्रपान करने वाले मित्र को अच्छी सलाह देते हुए पत्र”
धूम्रपान करने वाले मित्र को इस व्यसन के दोषों का उल्लेख करते हुए पत्र लिखकर इससे मुक्त होने की सलाह दीजिए।
426, रमेश नगर,
नई दिल्ली
दिनांक…………………
प्रिय मित्र रवि,
सप्रेम नमस्ते।
मुझे तुम्हारे पिताजी के पत्र से यह जानकर अत्यंत दुख हुआ कि इन दिनों तुम्हें धूम्रपान का व्यसन लगा हुआ है। इसी व्यसन के कारण तुम्हें खाँसी रहने लगी है। तुम्हें पता होना चाहिए कि धूम्रपान का सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। अभी तो तुम्हें धूम्रपान का चस्का ही लगा है, आगे चलकर तुम्हें इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ेंगे। यह व्यसन तुम्हारे फेफड़ों को बेकार कर देगा। धूम्रपान सामान्य स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है।
तुम्हेंइस बुरे व्यसन से तुरंत मुक्ति पाने का प्रयास करना चाहिए अन्यथा बहुत देर हो चुकी होगी और तुम कुछ भी नहीं कर पाओगे। इस व्यसन को छोड़ने के प्रारंभ में तुम्हें कष्ट तो अवश्य होगा, पर दृढ़ निश्चय से इसे तुम कुछ ही समय में छोड़ने में सफल हो जाओगे।
आशा है कि तुम मेरी बातों को गंभीरता से लोगे।
तुम्हारा प्रिय मित्र
भारत मैदीरत्ता