Hindi Letter on “Dasvi kaksha mein Board Parikshao ke hanate ke paksh me Mitra ko patra”, “दसवी कक्षा मे बोर्ड परीक्षाओं के हटाने के पक्ष में मित्र को पत्र”
आगामी वर्ष से दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के हटाए जाने के पक्ष–विपक्ष में अपने विचार प्रकट करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
5/26-ए. राम नगर,
दिल्ली।
दिनांक ________
प्रिय मित्र मेहुल
सप्रेम नमस्ते।
तुमने समाचार पत्रों में यह तो पदा ही होगा कि आगामी वर्ष से दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा हटाई जा रही है। बोर्ड इसे एक क्रांतिकारी कदम बताकर वाह-वाही लूटने का प्रयास कर रहा है। मुझे तो यह एक हानिकारक कदम प्रतीत होता है। जब सामने कोई लक्ष्य ही नहीं होगा तब विद्यार्थी मन लगाकर पढ़ाई करेगा ही क्यों? इससे शिक्षा का स्तर गिरेगा।
इस योजना की एक कमी और भी है। इसे केवल उन स्कूलों में लागू किया जा रहा है जो सीनियर सेकेंडरी हैं। जिन स्कूलों में दसवीं कक्षा तक पढ़ाई होती है, उनके विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। यह तो भेदभावपूर्ण नीति हुई। कुछ को बोर्ड का सर्टिफिकेट मिलेगा और कुछ को स्कूल का अपना। क्या नौकरी या उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दोनों प्रकार के सर्टिफिकेटों की मान्यता एक समान हो पाएगी? कदापि नहीं।
ऐसा प्रतीत होता है कि बोर्ड कुछ नया करने के अति उत्साह में भावी परिणामों की चिंता किए बिना नई योजना घोषित कर देता है। और फिर उसे जबर्दस्ती थोप दिया जाता है। यह तो शिक्षा के साथ खिलवाड़ है। मेरे विचार में इस भेदभावपूर्ण योजना को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
मनोज