कहने से करना भला
Kahne Se Karna Bhala
भूमिका
उपदेशों से इतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना उस उपदेश का उदाहरण बनकर दिखाने से पड़ता है।
हेतु
मनुष्य जैसा देखता है वैसा करता है। कानों से सुने हुए से आँखों से देखा हुआ चिरस्थायी होता है, उसका मन पर अधिक प्रभाव पड़ता है।
प्रभाव के स्थान
परिवार, विद्यालय, समाज, परिस्थिति, संगति।
शिक्षा
परिवार में बुरे कार्य न हों, विद्यालय में आचार्य जो पढ़ाएँ उसका नमूना बनकर दिखाएँ। समाज में कुरीतियाँ न हों, उनके साथ संग हो जो सदाचारी हों।
उदाहरण
नेपोलियन अपने को पहले भीषण विपत्ति में डालता था, तब उसके सैनिक उसके अनुयायी बनते थे। महात्मा गाँधी जो कहते थे पहले स्वयं उसे करते थे।
उपसंहार
बुरे उदाहरणों का अनुसरण नहीं करना चाहिए।