Hindi Essay, Nibandh on “बढ़ती जनसंख्या: एक गंभीर समस्या”, “Badhti Jansankhya – Ek Gambir Samasya” Hindi Paragraph, Speech.
बढ़ती जनसंख्या: एक गंभीर समस्या
भारत जैसे विकासशील राष्ट के लिए सौ करोड से भी अधिक आबादी का होना एक गंभीर समस्या है, जो अपने अंक में अनेक समस्याओं को समेटे हुए है। भारत में जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण हैं-लोगों की धार्मिक भावनाएँ, अंधविश्वास तथा अशिक्षा। यहाँ संतान को ईश्वर की देन माना जाता है तथा परिवार नियोजन के कार्यक्रम को अनैतिक तथा अधार्मिक। भारतीयों का यह विश्वास है कि वंश वृद्धि तथा पितृ-ऋण से उऋण होने के लिए एक पुत्र का होना अत्यावश्यक है, जो श्राद्ध तथा पिंडदान कर सके। इसके कारण जब तक पत्र प्राप्त हो, तब तक लड़कियों की वृद्धि होते रहने पर भी जनसंख्या बढ़ती रहती है। जनसंख्या में वृद्धि के लिए बाल-विवाह अथवा अल्पायु में विवाह भी उत्तरदायी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 15-16 वर्ष की अल्पायु में विवाह हो जाता है, परिणामत: संतान भी जल्दी प्राप्त हो जाती है। जनसंख्या वृद्धि का तीसरा कारण है-देश में जन्म-दर की वृद्धि होना तथा मृत्यु-दर में कमी आना। जनसंख्या वृद्धि के अनेक दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं-बेकारी का बढ़ना, ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का शहरों की ओर पलायन तथा खेती योग्य तथा आवास के लिए भूमि की नितांत कमी आदि। इस कमी को पूरा करने के लिए वनों की कटाई की जा रही है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। महानगरों में आवास की गंभीर समस्या के कारण वहाँ झुग्गी-झोंपड़ियों का विस्तार हो रहा है, जिससे अनेक समस्याएँ उपस्थित हो गई हैं। जनसंख्या की अधिकता के कारण निर्धनता, अशिक्षा, जीवनस्तर में कमी, कुपोषण जैसी समस्याएँ भी उत्पन्न होती हैं। जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के लिए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इस संबंध में जागरुकता लाना बहुत आवश्यक है। इस दिशा में युवक-युवतियों को शिक्षित किया जाना भी अपेक्षित है।