तीन अजूबे भाई अंग देश के एक गाँव मे एक धनी ब्राह्मण रहता था। उसके तीन पुत्र थे। एक बार ब्राह्मण ने एक यज्ञ करना चाहा। उसके लिए एक समुद्री कछुए की जरूरत हुई। उसने तीनों भाइयों को कछुआ लाने को...
पत्नी किसकी हो धर्मपुर नाम की एक नगरी थी। उसमें धर्मशील नाम का राजा राज करता था। उसके अन्धक नाम का दीवान था। एक दिन दीवान ने कहा-“महाराज, एक मन्दिर बनवाकर देवी को बिठाकर पूजा की जाए तो बड़ा पुण्य मिलेगा।”...
सज्जनता किसकी अधिक मिथलावती नाम की एक नगरी थी। उसमें गुणधिप नाम का राजा राज करता था। वह बड़ा ही प्रतापी और यशस्वी था उसे शिकार खेलने का बड़ा शौक था। एक दिन राजा शिकार खेलने चला। सैनिक भी साथ हो...
श्रेष्ठ वर कौन मगध देश में महाबल नाम का एक राजा राज्य करता था । जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। वह अद्वितीय रूपवती थीं। जब वह विवाह योग्य हुई तो राजा को बहुत चिन्ता होने लगी। बहुत से...
वह सुंदरी किसे मिलेगी यमुना के किनारे धर्मस्थान नामक एक नगर था। उस नगर में गणाधिप नाम का राजा राज करता था। उसी में केशव नाम का एक ब्राह्मण भी रहता था। ब्राह्मण यमुना के तट पर जप-तप किया करता था।...
चार पढ़े लिखे मूर्ख कुसुमपुर नगर में एक राजा राज्य करता था। उसके नगर में एक ब्राह्मण था, जिसके चार बेटे थे। लड़कों के सयाने होने पर ब्राह्मण मर गया और ब्राह्मणी उसके साथ सती हो गयी। उनके रिश्तेदारों ने उनका...
तेनालीराम की चतुराई एक गर्मी की रात, जब तेनालीराम और उनकी पत्नी सो रहे थे, तो उन्हें बाहर से पत्तियों के सरसराने की आवाज सुनाई दी .उस समय हवा भी नहीं चल रही थी, इसलिए उन्होंने सोचा कि झाड़ियों में चोर...
नाई की उच्च नियुक्ति शाही नाई का कार्य प्रतिदिन राजा कृष्णदेव राय की दाढ़ी बनाना था। एक दिन, जब वह दाढ़ी बनाने के लिए आया तो राजा कृष्णदेव राय सोए हुए थे। नाई ने सोते हुए ही उनकी दाढ़ी बना दी।...
तेनालीराम का मरियल घोड़ा राजा कृष्णदेव राय का घोड़ा अच्छी नस्ल का था इसलिए उसकी कीमत ज्यादा थी। तेनालीराम का घोड़ा मरियल था। तेनालीराम उसे बेचना चाहते थे, पर उसकी कीमत बहुत ही कम थी। वे चाहकर भी बेच नहीं पाते...
रसगुगुल्ले की जड़ मध्य पूर्वी देश से एक ईरानी शेख व्यापारी महाराज कृष्णदेव राय का अतिथि बन कर आता है। महाराज अपने अतिथि का सत्कार बड़े भव्य तरीके से करते हैं और उसके अच्छे खाने और रहने का प्रबंध करते हैं,...