हिंदी भाषा की उपयोगिता Hindi Bhasha Ki Upyogita भूमिका जिस भाषा की वर्णमाला देवनागरी है और जिसका प्रादुर्भाव सीधा संस्कृत से है, वह हिंदी है। आवश्यकता इसके अक्षरों का उच्चारण प्राकृतिक नियमों के अनुसार, उनकी फारसी, अरबी और अंग्रेज़ी अक्षरों से...
प्रेम Prem भूमिका प्रेम मनुष्य के हृदय की एक पवित्र शक्ति । इसके उद्गार के अनेक रूप। कभी मित्रों, कभी कुटम्बियों और कभी देश से प्रेम। संसार प्रेम की ही डोरी में बँधा है। संसार में प्रेम का विकास परिवार के...
क्रोध Krodh भूमिका क्रोध विवेकता में बाधक। किंतु बिना विवेक-विचार के उसका दमन अशक्य। अपकार इससे भले-बुरे का ज्ञान नहीं रहता। क्रोध थोड़ा हो या बहुत, दोनों दशाओं में बुरा। असभ्यता का लक्षण। थोड़े पर झगड़ा उठाना। क्रोधी पर कोई दया...
समय का सदुपयोग Samay ka Sadupyog भूमिका लोगों को अपने काम के लिए समय न मिलने की शिकायत, ‘समयधन’ सब कहते हैं किन्तु आचरण कोई नहीं करता। कारण समयाभाव नहीं किंतु समय का अनुपयोग व दुरुपयोग। कई समय को आलस्य में...
मातृभाषा की शिक्षा Matribhasha Ki Shiksha भूमिका जिस भाषा को शिशु माता द्वारा सीखे और जिससे अपने देश का कारोबार चले। मातृभाषा की आवश्यकता बिना मातृभाषा के ज्ञान के कोई देश उन्नति नहीं कर सकता, बिना इसके देशाभिमान नहीं, देश के...
ईख Sugar Cane भूमिक ईख घास जाति का। उत्पत्ति स्थान-उष्ण देशों में बहुत। पहले-पहल भूमध्यसागर के पूर्वी तट पर ही, अब चीन, ब्राजील, अमेरिका, ईजिप्ट, भारत में। ईख की खेती फागन-चैत्र में रोपण। भूमि जोतकर एक-एक हाथ गल्ली गाड़ना, कई बार...
धान Rice भूमिका अन्नश्रेणी का उभिद्। प्राप्ति-स्थान भारत (बंगाल, बिहार, कश्मीर) अमरीका, अफ्रीका। आकार, वर्ण, प्रकार घास की तरह हरा । अनेक प्रकार, जैसे बेगमी, बासमती, दुधराज इत्यादि। रोपणकाल और विधि विशेषतः वर्षाकाल । नीची जमीन, वर्षा की आवश्यकता, आषाढ़ के...
चाय Tea भूमिका झाड़ीदार पौधों की श्रेणी का, सदा हरित। पश्चिम से आया। जन्म-स्थान, प्राप्ति-स्थान चीन जन्म-भूमि। पंजाब, आसाम, लंका, ब्राजील जावा, जापान में उपजती है, सर्वत्र प्राप्य। रोपण और काटने की विधि पहाड़ी भमि । चैत्र-वैशाख में बीजारोपण। पौधे बड़े...
कुतुबमीनार Qutub Minar स्थिति और स्थापना दिल्ली में लालकिले से बारह मील दूर महरौली नामक स्थान में स्थित। इसकी स्थापना के विषय में अनेक मत हैं। ऐतिहासिकों का कथन है कि पृथ्वीराज चौहान ने विजय स्तंभ के रूप में इसे बनवाया।...
मधुमक्खी Madhumakhi श्रेणी, प्राप्ति स्थान-कीटजातीय अंडज, मुख्यतः स्पेन, भारत, इटली, ईजिप्ट, देशों में प्राप्य, छत्ता। आकार, गठन शरीर के तीन भाग, सिर में आँखें, जीभ, दाँत, 2 छातियाँ, 6 पैर, 2 पंख, पेट में मधु। स्वभाव, भोजन सामाजिक स्थिति...