समग्र शिक्षा अभियान Samagra Shiksha Abhiyan भारत एक प्रजातांत्रिक देश है। प्रजातंत्र की सफलता वहाँ के निवासियों की शिक्षा पर आधारित होती है। शिक्षा के अभाव में मानव और पशु में कोई अंतर नहीं रह जाता। शिक्षा मनुष्य को अज्ञान के...
गाँवों का बदलता स्वरूप भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकतर जनसंख्या गाँव में निवास करती है। ये हमारे देश की महत्त्वपूर्ण इकाई हैं। ‘गाँव’ शब्द सुनते ही हमारे सामने गाँव के हरे-भरे खेत, संदर दृश्य, हल-बैल सहित खेतों...
शठ सुधरहि सत्संगति पाई Sath Sudhrahi Satsangati Pai मनुष्य सामाजिक प्राणी है। उसे अनेक लोगों के संपर्क में आना पड़ता है, जिनका प्रभाव उस पर अवश्य पडता है। उत्तम प्रकृति के मनुष्यों की संगति ‘सत्संगति’ कहलाती है। सत्संगति के प्रभाव से...
मधुर वाणी Madhur Vani उपर्युक्त पंक्ति संत कवि कबीर के दोहे का अंश है। पूरा दोहा इस प्रकार है “मधुर वचन है औषधि, कटुक वचन है तीर स्रवन द्वार हवै संचरै, सालै सकल सरीर ॥” अर्थात् मधुर वचन एक औषधि...
पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं स्वतंत्रता मानव का जन्म सिद्ध अधिकार है। मानव जन्म से लेकर मत्य तक स्वतंत्र रहना चाहता है। पराधीन का आशय है-दूसरों के अधीन होना अर्थात् अपनी रुचि, इच्छा तथा भावना के अनुसार काम न करके किसी अन्य...
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत महाकवि तुलसीदास जी ने कहा है-‘कर्म प्रधान विश्व करि राखा’ अर्थात् कर्म ही जीवन है। यह संपूर्ण जगत कर्ममय है। कर्म के बिना लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं। कभी-कभी कर्म करने पर...
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान आज मानव ने अपने परिश्रम, सतत अभ्यास एवं पुरुषार्थ के बल पर प्रकृति पर आधिपत्य स्थापित कर लिया है। उपर्युक्त सूक्ति में अभ्यास के महत्त्व की ओर इंगित किया गया है। वृंद कवि द्वारा रचित...
समय का महत्त्व कबीरदास ने कहा है कि आज का काम कभी कल पर नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मनुष्य को पछतावे के अलावा और कुछ नहीं मिलता। बीता हुआ वक्त कभी हाथ नहीं आता इसीलिए समय अनमोल धन...
सादा जीवन उच्च विचार सादा जीवन उच्च विचार से अभिप्राय है कि व्यक्ति की पहचान उसके विचारों से होती है, उसके रहन-सहन से नहीं। संसार ऐसे महान लोगों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। अब्राहम लिंकन, सुभाषचंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद,...
बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय गिरिधर कवि की इस उक्ति का अर्थ है कि जो लोग बिना सोच-विचार के कार्य करते हैं, उन्हें बाद में पछताना पडता है। इससे एक तो वे अपना काम बिगाड़ लेते हैं तथा साथ...